हर लम्हा।
हर लम्हा आकर यूं ही गुजर रहा है।
जीना अब बे मतलब सा लग रहा है।।
जानें कहां से आया सूखे सेहरा में।
परिंदा प्यासे आब से जो मर रहा है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
हर लम्हा आकर यूं ही गुजर रहा है।
जीना अब बे मतलब सा लग रहा है।।
जानें कहां से आया सूखे सेहरा में।
परिंदा प्यासे आब से जो मर रहा है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️