हर मुश्किल का
गीतिका
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हर मुश्किल का कर स्वागत।
घबराकर तू रुकना मत।
चुनना सबको अपना पथ,
अपनी धुन में रहना रत।
मिलते अधिकार स्वयं सब,
भरपूर दिखाकर ताकत।
प्रिय दूर हुआ कर कोशिश,
अब तो झट से लिखना खत।
मिलना जब चाह रहा मन।
रहती वश में कब हालत।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य