हर दिल में एक टीस उठा करती है।
हर दिल में एक टीस उठा करती है।
हर टीस में एक आवाज हुआ करती है ।।
ये तो नामुमकिन है कि हर कोई बनवा दे ताजमहल ।।।
पर हर दिल में एक मुमताज हुआ करती है ।।।।
हर दिल में एक टीस उठा करती है।
हर टीस में एक आवाज हुआ करती है ।।
ये तो नामुमकिन है कि हर कोई बनवा दे ताजमहल ।।।
पर हर दिल में एक मुमताज हुआ करती है ।।।।