Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2024 · 1 min read

*हर दिन, हर रस, हर विधा,

*हर दिन, हर रस, हर विधा,
सुबह से ले के शाम।
हिंदी-उर्दू साथ रख,
लिखना मेरा काम।।*

😊प्रणय प्रभात😊

1 Like · 64 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दूर दूर तक
दूर दूर तक
हिमांशु Kulshrestha
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
ਦੁਸ਼ਮਣ
ਦੁਸ਼ਮਣ
Otteri Selvakumar
मेरी नाव
मेरी नाव
Juhi Grover
मैंने एक चांद को देखा
मैंने एक चांद को देखा
नेताम आर सी
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
Suryakant Dwivedi
जिंदगी के तूफ़ानों की प्रवाह ना कर
जिंदगी के तूफ़ानों की प्रवाह ना कर
VINOD CHAUHAN
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कान्हा को समर्पित गीतिका
कान्हा को समर्पित गीतिका "मोर पखा सर पर सजे"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
#प्रेरक_प्रसंग-
#प्रेरक_प्रसंग-
*प्रणय*
“मेरे जीवन साथी”
“मेरे जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
तुम्हें पाने के बाद मुझे सिर्फ एक ही चीज से डर लगता है वो है
तुम्हें पाने के बाद मुझे सिर्फ एक ही चीज से डर लगता है वो है
Ranjeet kumar patre
"दाग-धब्बे"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त के साथ लड़कों से धीरे धीरे छूटता गया,
वक्त के साथ लड़कों से धीरे धीरे छूटता गया,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
3532.🌷 *पूर्णिका*🌷
3532.🌷 *पूर्णिका*🌷
Dr.Khedu Bharti
प्लास्टिक की गुड़िया!
प्लास्टिक की गुड़िया!
कविता झा ‘गीत’
हम सृजन के पथ चलेंगे
हम सृजन के पथ चलेंगे
Mohan Pandey
चला गया
चला गया
Mahendra Narayan
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
Shweta Soni
अहंकार
अहंकार
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बलबीर
बलबीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
शहर में नकाबधारी
शहर में नकाबधारी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
वो भी तो ऐसे ही है
वो भी तो ऐसे ही है
gurudeenverma198
मेरी पहली चाहत था तू
मेरी पहली चाहत था तू
Dr Manju Saini
"काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
भले ही हम 2024 T 20 World Cup के विजेता है परंतु नीति यही कह
भले ही हम 2024 T 20 World Cup के विजेता है परंतु नीति यही कह
Rj Anand Prajapati
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
बचपन मेरा..!
बचपन मेरा..!
भवेश
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...