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27 Nov 2023 · 1 min read

“हर खुशी के लिए एक तराना ढूंढ लेते हैं”

हर खुशी के लिए एक तराना ढूंढ लेते हैं।
हम फिज़ा है खुद आसियाना ढूंढ लेते हैं।

डुबते हुए सूरज सा सितारे है अपने।
फिर भी जीने का एक बहाना ढूंढ लेते है।

जब भी जलते है लौं रौशनी की तरह।
राहें भी खुद अपना ठिकाना ढूंढ लेते है।

एक मुकदमा है उस पे की जरूरत नहीं।
जरुरत पड़ी तो सौ अप्शाना ढूंढ लेते है।

उस झील सी आंखों में हया है ऐसी कि।
पुछ ले नज़ारों से जमाना ढूंढ लेते है।

जिगर से मिलते है कि वो रहबर है मेरे।
ख्वाब लेके निगाहों में फंसाना ढूंढ लेते है।।

राकेश चौरसिया

Language: Hindi
1 Like · 225 Views
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