हरे कृष्णा !
हरे कृष्णा !
कृष्ण नाम अमर है…
अमर है, उनकी अनंत प्रेम कहानी |
कान्हा-कान्हा नाम जपत है,
जोगिन बानी मीरा रानी |
बँसी की आवाज़ पर, गोपियाँ मग्न है,
मधुर धुन पर झूमता संपूर्ण जग है |
मनमोहक सूरत पर मुस्कान निराली है,
सँवारे की लीला अचंभित कर देने वाली है |
मोर पंख सिर पर, बाँसुरी बजाए …
पीतांबर ओढ़े बैठे नंदलाल गईया चराए |
कृष्ण ही प्रेम पुजारी,
वे ही सर्वशक्तिमान है |
कभी रणछोर, कभी मुरलीधर
मित्रता का भी दिया प्रमाण है |
मैया यशोदा के पुत्र की काया में ,
सम्मोहन का कमाल है …
कि जपते सभी आज तक
कान्हा-कान्हा नाम है …..
जय श्री राधे कृष्ण
मुस्कान यादव
आयु – १५ साल