*हरेली तिहार मनाबो जी*
हंसत खिलत जिनगी ला झन फीका करव,
चला सबों जुरमिल हरेली तिहार मनाबो जी l
घर मा गुड़ चीला, गुलगुला भजिया खाके,
खाल्हे पारा खो-खो,फुगड़ी खेले जाबो जी l
गोधन के जतन कर अपन धरम ला निभाबो,
खुशहाली समृद्धि ला घर दुवारी बुलाबो जी l
तहूं चल चल जवांरा बर तरी नदिया के तीर,
सुरूर सुरूर पुरवा संग झूला झूल आबो जी l
सुन वो फलानिन छोड़ सवांगा येती ओती के,
सावन तुहुर-तुहुर झड़ी के मजा उड़ाबो जी l
सबो झंझट झमेला जिनगी के आज भुलाके,
तईहा के बात मा खिल खिलाबो मुस्कुराबो जी l
ए गड़ी चल नागर धोए के बहाना हसदेव नदी,
लकड़ी के कश्ती छपाक छपाक चलाबो जी l
डहर मा आवत जावत देख अपन मयारू ला,
बेलबेलाबो,धानी चुनरी लहराबो,नितराबो जी l
हरियाली देखत पैडगरी से अमराइया जाके,
पुरवईया संग झूम झूम सवनाही गीत गाबो जी l
✍️ दुष्यंत कुमार पटेल