हरि- नारायण,विष्णु जो कृष्ण के स्वअंश हैं( घनाक्षरी)
हरि- नारायण ,विष्णु जो कृष्ण के स्व- अंश हैं,
प्राप्त करते हैं रूप प्रभु रूपवान से ।
कृष्ण ही परमेश्वर ,उनसे महेश्वर भी,
प्राप्त करते हैं शक्ति प्रभु शक्तिमान से ।
चौसठ कलाओं से जो युक्त है, गोविंद प्रभु,
प्राप्त करते हैं हम बल बलवान से ।
हम तो चाहते परम पद मोक्ष उनसे-
करते हम प्रार्थना कृष्ण भगवान से !!राजयोगमहागीता घनाक्षरी ।।
— जितेंद्रकमल आनंद रामपुर ( उ प्र )
दिनांक : २८-४-१७