हरियाली
हरियाली (दोहे)
हरियाली आती वहाँ,उत्तम जहां विचार।
सुन्दर भावों में दिखे,हरियाली के तार।।
हरा -भरा वह मनुज है, रख सबका जो ख्याल।
परहित जिसके हृदय में,कुछ भी नहीं मलाल।।
मन में उन्नत बीज का,जिसमें है भंडार।
उगा रहा वह पौध है,फसलों का संसार।।
हरियाली की राह में,उत्तम सुन्दर बीज।
यह विचार की शुद्धता,मनो-प्राकृतिक चीज।।
सबके प्रति संवेदना,में हरियाली क्रांति।
हरित प्रधान जगह वही,जहाँ-जहाँ है शांति। ।
हँसमुख वातावरण प्रिय,हरियाली का गांव।
मोहक मधुर बयार सुख,मधुमय शीतल छांव।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।।