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28 Feb 2018 · 1 min read

हरियाली से रंग मैं , लूँगी हरा उधार

हरियाली से रंग मैं , लूँगी हरा उधार
फूलों से कुछ रंग मैं, कर लूँगी तैयार
कर लूँगी तैयार, रँगूँगी मन की चोली
मल कर नेह गुलाल,मनाऊँगी मैं होली
तभी अर्चना’ लौट, सकेगी फिर खुशहाली
हटा गमों के पात,बिछेगी जब हरियाली

2

होली का त्यौहार है, कुदरत खेले रंग
फूलों के रँग में रंगे, धरती के हैं अंग
धरती के हैं अंग, पेड़ पौधे ये सारे
लदे हुए फल फूल, लगें इन पर तो प्यारे
मन को दे आनन्द, भरे खुशियों से झोली
लाती है सौगात, प्रकृति की ये होली

28-02-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

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