हरियाली तीज
शुक्ल पक्ष की तीज यह , लाया सावन मास ।
सखियाँ झूला झूलतीं,. ..मन मे भर उल्लास।।
खाने को व्यंजन मिलें ,घर मे कई लजीज ।
सावन मे आये सदा ,..जब हरियाली तीज ।
सावन के झूले पड़े,…सखियाँ गातीं गीत ।
सबके साजन आगये, तुम भी आओ मीत ।।
रहे सिंदारा रोज ही,लगे नित्य फिर तीज ।
खाने मे मिलते रहे,व्यंजन अगर ल़जीज ।।
झूला झूलें साथ मे,सखिंयाँ सभी अज़ीज l
आती है जब साल मे,सावन की ये तीज ।।
टहनी बोले आम की,झूले से सुन यार ।
लेते हो तुम साल मे,सुधि मेरी इक बार ।।
रमेश शर्मा.