हरियाणवी रागनी
सभका पेट भरै पालै सै , उसनै मत लाचार करै ।
खेत कमावै नाज़ उगावै , मतना उस पै वार करै ।।
धूप कसूती हो बेसक तै, या फिर पाला पड़ता हो,
पेट भरण नै हम सभका हे, वो बेचारा लड़ता हो,
आफ़त आवै जब भारत पै बणके सैनिक लड़ता हो,
सबनै ठावै,भूख मिटावै बेसक गिरता पड़ता हो,
अपणी जीत करण कै खातिर,मत उसकी तू हार करै,
खेत कमावै नाज उगावै, मतना उस पै वार करै।
सबका पेट भर…….
देस धर्म म्हं आगै पावै, ना फैसन की होड़ करै,
जिसतै सारा देश चलै सै, उसतै किसी मरोड़ करै?
दिखणै मैं यो बिल्कुल सीधा पर मौके पै तोड़ करै,
धरि राहण दे बनदूकां नै, मतना इसकी ओड़ करै।
जै गुस्से तै लाल हुआ तो टुकड़े तेरे फोड़ करै ।
धरती मां नै पूजणया सै मत इसतै तकरार करै।
खेत कमावै नाज उगावै मतना उस पै वार करै ।
सबका पेट भरै …….
ना कारां तै ना जहाजां तै, बड्डा नाम हुया म्हारा,
खेती तै सब नाम कमाया, बहि तरक्की की धारा,
पशुआं नै भी दूध बहाया, खाकै हरा-हरा चारा,
सारे मिलकै एक बै लाद्यो जैय किसानी का नारा।
दूध पिलाकै हट्टे कट्टे, वीर घणे वो तैयार करै ,
खेत कमावै नाज उगावै मतना उस पै वार करै ।
सबका पेट भरै …..
खेत की माट्टी माथै ला ले, सब बण ज्यागें काम तेरे,
हाली पाली म्हं ढ़ूंढगा तो मिल ज्यागें राम तेरे,
कर इणका सम्मान बावले, होज्यां ऊंचे नाम तेरे,
हलधर का जब मान कारैगा, बनज्या ऊंचे धाम तेरे,
छोड़ भटकना सुध तू ला ले, हर बेड़ा यो पार करै,
खेत कमावै नाज़ ऊगावै मतना उस पै वार करै ।
सबका पेट भरै……
श्रीभगवान बव्वा
प्रवक्ता अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, लुखी, रेवाड़ी ।