हरियाणवी दोहे
खावैं सैं जिस देश का, काढै उसनै गाळ।
इसे निगोड़े दुष्ट का ,..मुँहडा दीजो बाळ।।
लगी खाण जिस खेत नै ,मुअी आप ही बाड़ ।
इसी आड़ नै बावळे,…..बेशक दियो उखाड़ ।।
रमेश शर्मा.
खावैं सैं जिस देश का, काढै उसनै गाळ।
इसे निगोड़े दुष्ट का ,..मुँहडा दीजो बाळ।।
लगी खाण जिस खेत नै ,मुअी आप ही बाड़ ।
इसी आड़ नै बावळे,…..बेशक दियो उखाड़ ।।
रमेश शर्मा.