Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2024 · 1 min read

हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)

हरिगीतिका छंद ( श्रीगातिका)
विशेषता- (इसको वर्णानुसार (ह रि गी ति‌‌ का )चार बार
16 – 12 में लिख दिया जाए , तब हरिगीतिका छंद बन जाता है
व यदि मापनी हटा दी जाए , तब यह सार छंद कहलाएगा |
कुछ छंदाचार्या का यह भी कथन है कि यदि मापनी 2122 लिखें , तब इसे “श्रीगीतिका “कहना चाहिए | किंतु छंद एक ही है , कुछ भी मापनी लिख लो |

(हरिगीतिका हरिगीतिका हरि , गीतिका हरिगीतिका )
११२१२ ११२१२ ११ , २१२ ११२१२ = 28

प्रभु आपका जब नाम लेकर , सोचता मन छंद है |
इस लोक में तब देखते कवि , आप में रवि चंद है ||
गुण आपके जब गान में रख , देखते ‌जब वृंद‌ है |
जड़ चेतना फल फूल में शुभ , आप का मकरंद है ||

प्रभु आपका हम नाम लेकर , सोचते‌ जब धर्म है |
तब ग्रंथ से शुचि ज्ञान लेकर , जानते शुभ कर्म है ||
कटुता हवा जब पास आकर , घेरती मन मर्म है |
तब बोधि से प्रभु नूर पाकर , भागती सब शर्म है ||

चमकें सदा अब भाल भारत, कर्म का सद् ज्ञान हो |
जिसमें दिखे सुख भारती यश, धर्म से जन गान हो ||
प्रभु आप ही जब राम होकर , मानते जग धाम है |
तब धाम के उस राम को हम ,जानते सुख नाम है ||

2212×4 श्रीगीतिका / हरिगीतिका
मुक्तक
2212 2212. 2. 212. 2212

देखें जहाँ भी सत्यता है , गीत गाते आदमी |
दूरी नहीं होती वहाँ भी , मीत पाते आदमी |
हारें नहीं पूँजी जरा भी , जीत जाते आदमी –
हैं देवता भी साथ देने , ये सुनाते आदमी |

©®सुभाष सिंघई
एम•ए• हिंदी साहित्य, दर्शन शास्त्र
जतारा (टीकमगढ़) म०प्र०

Language: Hindi
39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्षतिपूर्ति
क्षतिपूर्ति
Shweta Soni
"दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
Harminder Kaur
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
कवि दीपक बवेजा
इल्म़
इल्म़
Shyam Sundar Subramanian
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
Ritu Asooja
बेजुबानों से प्रेम
बेजुबानों से प्रेम
Sonam Puneet Dubey
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Sakshi Tripathi
@व्हाट्सअप/फेसबुक यूँनीवर्सिटी 😊😊
@व्हाट्सअप/फेसबुक यूँनीवर्सिटी 😊😊
*प्रणय प्रभात*
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*भरोसा तुम ही पर मालिक, तुम्हारे ही सहारे हों (मुक्तक)*
*भरोसा तुम ही पर मालिक, तुम्हारे ही सहारे हों (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
sushil sarna
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ईश्वर का उपहार है बेटी, धरती पर भगवान है।
ईश्वर का उपहार है बेटी, धरती पर भगवान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राममय दोहे
राममय दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
23/125.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/125.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिम्मत मत हारो, नए सिरे से फिर यात्रा शुरू करो, कामयाबी ज़रूर
हिम्मत मत हारो, नए सिरे से फिर यात्रा शुरू करो, कामयाबी ज़रूर
Nitesh Shah
What consumes your mind controls your life
What consumes your mind controls your life
पूर्वार्थ
अच्छा कार्य करने वाला
अच्छा कार्य करने वाला
नेताम आर सी
आखिरी दिन होगा वो
आखिरी दिन होगा वो
shabina. Naaz
अफसोस मुझको भी बदलना पड़ा जमाने के साथ
अफसोस मुझको भी बदलना पड़ा जमाने के साथ
gurudeenverma198
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
याद
याद
Kanchan Khanna
🇮🇳 मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
🇮🇳 मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
Dr Manju Saini
विविध विषय आधारित कुंडलियां
विविध विषय आधारित कुंडलियां
नाथ सोनांचली
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
Anand Kumar
शब्द और अर्थ समझकर हम सभी कहते हैं
शब्द और अर्थ समझकर हम सभी कहते हैं
Neeraj Agarwal
Loading...