हम हैं गुलाम ए मुस्तफा दुनिया फिजूल है।
हम हैं गुलाम ए मुस्तफा दुनिया फिजूल है।
गुस्ताख़ ए मुस्तफा मेरे क़दमो की धूल है।
अजमत रसूले पाक की,है दिल में इस तरह।
नामुसे रिसालत पर जान देना कुबूल है।
हम हैं गुलाम ए मुस्तफा दुनिया फिजूल है।
गुस्ताख़ ए मुस्तफा मेरे क़दमो की धूल है।
अजमत रसूले पाक की,है दिल में इस तरह।
नामुसे रिसालत पर जान देना कुबूल है।