Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2024 · 1 min read

हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?

हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
देश की तक़दीर हम क्यों नहीं बदल सकते!
ऑंखों के सामने घट रही घटनाओं पर,
मूकदर्शक बनकर हम कैसे बैठ सकते हैं?
हम सही को सही और ग़लत को ग़लत
कहने की ताक़त क्यों नहीं रख सकते!
हम हाथ पर हाथ रख कर कैसे बैठ सकते हैं?
हम एक ज़िम्मेदार नागरिक क्यों नहीं बन सकते!
नेक मन से संवेदनशीलता का परिचय देकर हम
अपने देश को गौरवान्वित क्यों नहीं कर सकते!!
…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 70 Views

You may also like these posts

*सावन में अब की बार
*सावन में अब की बार
Poonam Matia
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
Dr Manju Saini
"" *मन तो मन है* ""
सुनीलानंद महंत
धरती मां का विज्ञानी संदेश
धरती मां का विज्ञानी संदेश
Anil Kumar Mishra
*
*"रक्षाबन्धन"* *"काँच की चूड़ियाँ"*
Radhakishan R. Mundhra
क्यों दोष देते हो
क्यों दोष देते हो
Suryakant Dwivedi
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
gurudeenverma198
2849.*पूर्णिका*
2849.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेघनाद
मेघनाद
Er.Navaneet R Shandily
National Symbols of India
National Symbols of India
VINOD CHAUHAN
एक मेरे सिवा तुम सबका ज़िक्र करती हो,मुझे
एक मेरे सिवा तुम सबका ज़िक्र करती हो,मुझे
Keshav kishor Kumar
रगणाश्रित : गुणांक सवैया
रगणाश्रित : गुणांक सवैया
Sushila joshi
क्या फर्क पड़ेगा
क्या फर्क पड़ेगा
Dr. Man Mohan Krishna
मुकाम
मुकाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
Shweta Soni
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
शर्तों मे रह के इश्क़ करने से बेहतर है,
शर्तों मे रह के इश्क़ करने से बेहतर है,
पूर्वार्थ
तुझे खो कर तुझे खोजते रहना
तुझे खो कर तुझे खोजते रहना
अर्चना मुकेश मेहता
*बना शहर को गई जलाशय, दो घंटे बरसात (गीत)*
*बना शहर को गई जलाशय, दो घंटे बरसात (गीत)*
Ravi Prakash
बोलो राम राम
बोलो राम राम
नेताम आर सी
अन्त हुआ सब आ गए, झूठे जग के मीत ।
अन्त हुआ सब आ गए, झूठे जग के मीत ।
sushil sarna
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
■ बड़े काम की बात।।
■ बड़े काम की बात।।
*प्रणय*
तुम्हारी जय जय चौकीदार
तुम्हारी जय जय चौकीदार
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
🙏गजानन चले आओ🙏
🙏गजानन चले आओ🙏
SPK Sachin Lodhi
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
रेत का ज़र्रा मैं, यूं ही पड़ा था साहिल पर,
रेत का ज़र्रा मैं, यूं ही पड़ा था साहिल पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संकल्प शक्ति
संकल्प शक्ति
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
Loading...