हम सब एक हैं
घनाक्षरी
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बढ़ता ही जा रहा है नित्य शक्तिशाली हिन्द,
दीजिए आवाज आज हम सब एक हैं।
प्रत्येक भारतीय का राष्ट्र भावना के संग,
जान लीजिए महान जागृत विवेक है।
भाव एक राष्ट्रप्रेम का लिए महक रहे,
सब दिशाओं में खिले पुष्प ज्यों अनेक हैं।
हिंसक नहीं है हिन्दू किन्तु शौर्य शक्तिवान,
देशद्रोही के समक्ष काल सम प्रत्येक है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १५/०८/२०२४