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26 Jun 2022 · 2 min read

हम लिखते क्यों हैं

हम लिखते क्यों हैं ?

हर व्यक्ति की अलग-अलग रूचि होती है । किसी को गाने का शौक होता है तो किसी को चित्रकारी का, किसी को बागवानी का, इसी तरह किसी को पढने का तो किसी को लिखने का । लेकिन इतना तय है कि जिसे लिखने में रुचि है उसे पढना भी पसंद होगा ही क्योंकि बिना पढे लिखना कठिन है । खासकर अच्छा लिखना तो बिना पढ़े और भी मुश्किल है, लेकिन पढने में रुचि रखने वालों में जरूरी नहीं कि लिखने में भी रुचि हो ।
अब बात यदि हम ये कहें कि हम लिखते क्यों हैं तो इतना तो निश्चित है कि लिखते वही हैं जिन्हें लिखने में रुचि होती है । हाँ, ये अलग बात है कि हम कब लिखते हैं ?
लिखने के कई वजह होते हैं । जो लिखने में रुचि रखते हैं, उसके मन में जब विचारों का अंतर्द्वंद चलता है तब ऐसे व्यक्ति अपने विचारों को कलमबद्ध करते हैं । सार्थक या निरर्थक लेखन बाद की बातें हैं ।
लिखने के कारण को ढूंढ़ने का यदि प्रयास करें तो उसमें एक मुख्य कारण यह है कि हम अपनी बातें आम व्यक्तियों तक पहुँचाना चाहते हैं, जो लेखन के माध्यम से बहुत आसानी से पहुँचाया जा सकता है । कई बार ऐसा होता है कि जो बात हम मुँह से ठीक से नहीं बता पाते हैं उसे लिखित रूप में विस्तार में समझा पाते हैं । ये एक लेखक का विशिष्ट गुण है । जो सभी नहीं कर सकते ।
एक लेखक के स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से उसे लिखना भी जरूरी है, चूंकि लेखन उसकी पसंद है इसलिए जब वह लिखता है तो उसका मस्तिष्क क्रियान्वित रहता है जिससे उसका मस्तिष्क स्वस्थ रहता है । हाँ नकारात्मक लिखने से पाठक के मन पर बुरा प्रभाव तो पड़ता ही है साथ-ही-साथ लेखक के मन पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है । क्योंकि एक लेखक जब भी लिखता है तो उस परिस्थिति में स्वयं को डुबाकर लिखता है । जिसका असर परोक्ष रूप से लेखक के मन मस्तिष्क पर भी पड़ता है । कुछ लोग लोकप्रियता हासिल करने के लिए कुछ भी लिख देते हैं अर्थात् अश्लीलता या मनगढ़ंत कुछ भी ।
सच्चे अर्थ में लेखन का महत्व तभी है जब हम समाज की विसंगतियों को चिन्हित करते हुए सही दिशा की ओर ध्यान आकर्षित करें । जो समाज, परिवार , देश आदि को मार्गदर्शन का काम करे ।

–पूनम झा
जयपुर, राजस्थान

Mob-Wats – 9414875654
Email – poonamjha14869@gmail.com

Language: Hindi
Tag: लेख
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