Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2024 · 1 min read

हम लड़के हैं जनाब…

हम लड़के हैं जनाब…
जिंदगी से हमारे हजार लफड़े हैं जनाब…

धूप हमें उतनी नही जला पाती….
जितनी कि जलाती है…

सरकारों की उदासीनता
आयोग की लेटलतीफी
और सिस्टम की नाकामी…
हम लड़के दुनिया भर से लड़ के.
तानों, उपहासों को दरकिनार करके
पढ़ते हैं.. जनाब
क्योंकि हम लडके हैं जनाब..
चाहे घर के पचासों काम हो या
स्कूल कॉलेज की टेंशन …
हमें संतुलन बनाना पड़ता है
एक पतली सी रस्सी पर …
सफ़लता और असफलता के सारे किस्से
अपने हिस्से ही पड़ते हैं जनाब
क्योंकि हम लडके हैं जनाब! !
क्योंकि हम लड़के हैं जनाब!!

277 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
23/185.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/185.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुःख  से
दुःख से
Shweta Soni
नई सोच नया विचार
नई सोच नया विचार
कृष्णकांत गुर्जर
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
इश्क़ की बात ना कर
इश्क़ की बात ना कर
Atul "Krishn"
हमारी आखिरी उम्मीद हम खुद है,
हमारी आखिरी उम्मीद हम खुद है,
शेखर सिंह
48...Ramal musamman saalim ::
48...Ramal musamman saalim ::
sushil yadav
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
सत्य कुमार प्रेमी
╬  लड़के भी सब कुछ होते हैं   ╬
╬ लड़के भी सब कुछ होते हैं ╬
पूर्वार्थ
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
इंजी. संजय श्रीवास्तव
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तन्हायी
तन्हायी
Dipak Kumar "Girja"
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
Dr. Upasana Pandey
*अभी भी शादियों में खर्च, सबकी प्राथमिकता है (मुक्तक)*
*अभी भी शादियों में खर्च, सबकी प्राथमिकता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
Sanjay ' शून्य'
मौसम तुझको देखते ,
मौसम तुझको देखते ,
sushil sarna
मतदान दिवस
मतदान दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
उनकी तस्वीर
उनकी तस्वीर
Madhuyanka Raj
🙅समझ जाइए🙅
🙅समझ जाइए🙅
*प्रणय*
पुलिस बनाम लोकतंत्र (व्यंग्य) +रमेशराज
पुलिस बनाम लोकतंत्र (व्यंग्य) +रमेशराज
कवि रमेशराज
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
ଏହି ମିଛ
ଏହି ମିଛ
Otteri Selvakumar
"हम किसी से कम नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
अन्नदाता किसान
अन्नदाता किसान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
Loading...