हम मुस्कुराते हैं…
हम मुस्कुराते हैं…
दरअसल हम रो रहे होते हैं
हम बात करते हैं…
सच ये है कि तन्हाई चाहते हैं…
हम दिखाई देते हैं
जैसे बेहद ख़ुश हैं…
लेकिन हम खुश नहीं हैं…
कुछ चीजें बस
हमें यूंही करनी पड़ती हैं
बस यूंही…..
यही जिन्दगी है यार
चेहरे पर ओढ़े कई कई नकाब
हिमांशु Kulshrestha