“हम बड़ा तो हम बड़ा”
“हम बड़ा तो हम बड़ा”
सभी अपने अहम में चूर हैं
कि हम बड़ा तो हम बड़ा…
छोटे-बड़े का भाव पैदा कर
आपस में फासला बढ़ाते…
इसीलिए वे बड़ा नहीं बन पाते!
काश मिलजुल सब हाथ बॅंटाते,
रावण रूपी अहम वे दूर भगाते,
प्रभु राम के पदचिह्न चल पाते…
निश्चय ही कुछ बेहतर कर पाते!!
… अजित कर्ण ✍️