Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2021 · 1 min read

” हम त सुपर स्टार छी “

( व्यंग )
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
==============
हमरा नाटकीय मंच भेटगेल .. आब हम अप्पन अभिनय सं लोग कें परिचय करायब ..बहुत दिनक बाद इ सुअवसर हमरा भेटल अछि …आइ हम अंगद बनि जायब ..मजाल अछि किनको जे हमरा टस सं मस क’ देताह ? ..पहिने त वाध्य यन्त्र कें कान कनैठी देत लगा देबनि घंटो धरि..तखन शास्त्रीय संगीत मे सरस्वती वंदना ..आलाप लेत एकटा पंक्ति कें दस बेर लोगकें सुनेबनि ….आब हमर गीत सुनू…आब हमर कविता सुनू…बीच-बीच मे अप्पन एयर विमानक यात्राक वर्णन सेहो सूनेबनि …हम मिमिक्री सेहो करैत छी..आइये त हमरा मौका भेटल अछि …श्रोता लोकनि कें नीक लगनि वा नहि …हम आइ स्टेज मे धम्गज्जर करैत रहब …व्यवस्थापकक अनुरोधो पर हम रंगमंच नहि छोड़ब….दर्शक लोकनि आँखि मुनि ..कान मे तूरक ठेपी लगा हमरा उन्फोल्लो क’ लेथि..कियो हमरा अनफ्रेंड क’ लेथि …हुनका नहि नीक लगतनि त परिसर छोडि जा सकैत छथि…हमरा ब्लाक क देताह त क देत…कोनो हर्ज नहि..मुदा हम फेस बुकक स्टेज नहि छोड़ब !….आनक अभिनय ,कविता ,लेख इत्यादि सं हमरा की ?….” हम त सुपर स्टार छी ” ….!!
==============
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस .पी.कॉलेज.रोड.
दुमका
झारखंड
भारत

Language: Maithili
Tag: लेख
167 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऐ हवा तू उनके लवों को छू कर आ ।
ऐ हवा तू उनके लवों को छू कर आ ।
Phool gufran
नया साल
नया साल
Dr fauzia Naseem shad
कभी बहुत होकर भी कुछ नहीं सा लगता है,
कभी बहुत होकर भी कुछ नहीं सा लगता है,
Sunil Maheshwari
जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
महफिलों में अब वो बात नहीं
महफिलों में अब वो बात नहीं
Chitra Bisht
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
Vaishaligoel
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
पूर्वार्थ
उन माताओं-बहिनों का मंहगाई सहित GST भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता,
उन माताओं-बहिनों का मंहगाई सहित GST भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता,
*प्रणय*
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
डॉक्टर रागिनी
सितारों से सजी संवरी एक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी एक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
3432⚘ *पूर्णिका* ⚘
3432⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
**वो पागल  दीवाना हो गया**
**वो पागल दीवाना हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मौसम किसका गुलाम रहा है कभी
मौसम किसका गुलाम रहा है कभी
नूरफातिमा खातून नूरी
* शुभ परिवर्तन *
* शुभ परिवर्तन *
surenderpal vaidya
कविता जीवन का उत्सव है
कविता जीवन का उत्सव है
Anamika Tiwari 'annpurna '
कुछ फ़क़त आतिश-ए-रंज़िश में लगे रहते हैं
कुछ फ़क़त आतिश-ए-रंज़िश में लगे रहते हैं
Anis Shah
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
बेटी का घर बसने देती ही नहीं मां,
बेटी का घर बसने देती ही नहीं मां,
Ajit Kumar "Karn"
क्षतिपूर्ति
क्षतिपूर्ति
Shweta Soni
खुश रहें मुस्कुराते रहें
खुश रहें मुस्कुराते रहें
PRADYUMNA AROTHIYA
राम अवध के
राम अवध के
Sanjay ' शून्य'
"किताबें"
Dr. Kishan tandon kranti
सच तों आज कहां है।
सच तों आज कहां है।
Neeraj Agarwal
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
11. *सत्य की खोज*
11. *सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Empty pocket
Empty pocket
Bidyadhar Mantry
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
Kanchan Khanna
शहर के लोग
शहर के लोग
Madhuyanka Raj
Loading...