हम तो खाली हाथ थे
लुटा कर बैठा महफिल में था सब अपना,
क्या पता था, लूटने वाले फिर भी ना छोड़ेंगे…
गम इस बात का नहीं के लुटे को लूट लिया,
अफसोस रहा के, अपनो के कुछ हाथ ना लगा…
उमेंद्र कुमार
लुटा कर बैठा महफिल में था सब अपना,
क्या पता था, लूटने वाले फिर भी ना छोड़ेंगे…
गम इस बात का नहीं के लुटे को लूट लिया,
अफसोस रहा के, अपनो के कुछ हाथ ना लगा…
उमेंद्र कुमार