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16 Nov 2024 · 1 min read

हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके

हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
दिल में तुम्हारे रहके भी तुमको न पा सके
हैं अब तलक वहीं खड़े छोड़ा जहाँ था हाथ
हम चाहकर भी देखिए आगे न जा सके
डॉ अर्चना गुप्ता

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