हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
दिल में तुम्हारे रहके भी तुमको न पा सके
हैं अब तलक वहीं खड़े छोड़ा जहाँ था हाथ
हम चाहकर भी देखिए आगे न जा सके
डॉ अर्चना गुप्ता
17.11.2024
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
दिल में तुम्हारे रहके भी तुमको न पा सके
हैं अब तलक वहीं खड़े छोड़ा जहाँ था हाथ
हम चाहकर भी देखिए आगे न जा सके
डॉ अर्चना गुप्ता
17.11.2024