हम क्या चाहते?
खो कर सारा आसमान
बस चांद कमाना हम नहीं चाहते ।।
जीतना चाहते हैं हर किसी से
पर किसी को हराना नहीं चाहते।।
जिसने मुझे दुनिया दी
उसको पूरी दुनिया घुमाना चाहते ।।
जो कारण है मेरी हर खुशी का
उसे दुख का कांटा भी चुभाना नहीं चाहते।।
जो साया है मेरी उजली परछाई का
उसका काला तिल भी बनना नहीं चाहते।।
जिसने मेरी इच्छाओं को अपनी जरूरत मानकर पूरा किया
उसे दुनिया की हर खुशी दिलाना चाहते।।
मेरे चेहरे की मुस्कान है जो
उसकी आंख से एक भी आंसू गिराना नहीं चाहते।।
जो धड़कता है हर पल मेरे दिल और दिमाग में
उसको अब और तड़पाना नहीं चाहते
मेरी मंजिल तो आसमान है
अब बस इसी को पाना चाहते।।