हम कोनो पुरूस्कार लै लिखै छी? (हास्य कटाक्ष)
बाबा बड़बड़ाइत रहै जे इ भागेसर पंडा हरदम डाइलोग बचैत रहत जे यौ बाबा हम कोनो पुरूस्कार लै लिखै छी? अइ खेलरा स कए बेर पुछबो केलहुँ जे पुरूस्कार लै न त कोन समाजसेवा की लोकहित लै लिखै छह? त निगजुती हं नै से किछो ने बाजल आ हो हो जे मैथिली सबहक छियै? खेलरा नैह तन मिथिला मैथिली के निष्पक्षता बारहो बरण के सहभागिता मोजर दै पर चोरनुकबा बनल छिरहारा खेलाई मे रहतह आ ढ़ोग केहेन जे यौ बाबा हम त मैथिली सेवा मे लागल छी हम कोनो पुरस्कार लै लिखै छी?
हम्मे बाबा से पुछलियै हो बाबा भींसुरके पहर आइ फेर भागेसर पंडा संगे की हो गेलौ जे अतनी बड़बड़ाई छहू? हमर बात सुनके बाबा खोंजाइत बोललकौ हौ कारीगर तहूं की ताल करै मे लागल छह? मिथिला मैथिली के सबटा पुरूस्कार लोभी खेरहा त तोरो बुझले छह आ कैमरा चालू केने हमरा मुँहे देखार चिन्हार करेबाक भांज मे छह की? हम्मे बाबा से कहलियै हो बाबा अखनी हमरा कहाँ कुछो बुझल हइ हम त तोहर इंटरव्यू दुआरे एली. बाबा फेर बोललकै अच्छा इंटरव्यू फिंटरव्यू होइते रहतै पहिने एक जुम तमाकुल खुआबह त कहै छियह भागेसर पंडा के पुरूस्कारी किरदानी.
बाबा लै हम्मे खैनी चुनावे लगली फेर बाबा के खैनी खाए देली. बाबा खैनी खा हाथ पटपटा के पोछैत बोले लगलै. हौ कारीगर ई कहअ त मैथिली लेखन मे के एहेन जेकरा पुरूस्कार लोभ नै? जँ लोभ नै त फेर मिथिला मैथिलीक कुकृत्यक बिरोध मे कियो पुरूस्कार आपस किए नै कऽ दै छै? के एहेन जेकरा मंच लोभ नैह? ओनाहितो पुरूस्कार छोड़ि मैथिली लेखन मे छैहे की? मैथिली किताब सब तेरहो बाइस नै बिकाई छै आ सब गुमाने चूर रहतह अकादमी पुरस्कार सँ सम्मानित? अइ स की किताब खूब बिकाए लगतै की पब्लिक सब मैथिली साहित्य स जुड़ल रहतै? पुरस्कार लोभी मैथिली साहित्यकार सब गिरोह बनौने रहतह आ झूठौ के ढोंग केहेन करतह जे हम कोनो पुरस्कार लै लिखै छी?
हम्मे बाबा से पुछली त फेर कथी लै मैथिली लेखक सब लिखै जाई हइ सेहो बलू कहां बजै जाई हइ? बाबा हां हां के बोले लगलै से निगजुती कोइ ने बजतह जे मैथिली वला सब पुरस्कारे लोभे टा लिखै जाइए? इ पुरस्कार त ऊ पुरस्कार. जेकरा सबके अकादमी पुरस्कार वा की कोनो छोट मोट ओ ई अबित कुबित पुरूस्कार भेट जेतह की द देल जाइत छै? तब ई पुरूस्कारी मठाधीश सब मिल साहित्यिक संस्था बना गिरोह बना लेतह. तेकरा बाद पिछलगुआ होहकारी सब लै नव हस्ताक्षर, नव करची, युवा लबरची, चर्चित लबराह आदि पुरूस्कार सब बँटने फिरतह? आ पुछहक जे एतेक पुरूस्कार लोभ किए धेने अछि? त मैथिली वला ढोंगी सब भवडाह केहेन करतह जे हम कोनो पुरस्कार लै लिखै छी?
आलेख- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)