हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम,
तेरी याद में दिल दिन रात जले,
अश्कों की व्यथा हम कैसे लिखें,
जब तन, मन तेरे साथ मिले,
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम,
तेरी याद में दिल दिन रात जले,
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम…
कैसी है अपनी मजबूरी ?
हम मिलकर भी तो मिल न सके,
पल पल गुजरा है घुट घुट के,
हम जी कर भी तो जी न सके,
होता है वही जो होना है !
किस्मत पर किसका जोर चले,
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम…
जब जब आये मेरी याद तुम्हें,
धीरज रखना रोना न कभी,
यह सोच तसल्ली कर लेना,
पूरे नहीं होते स्वप्न सभी,
तुम्हें रखुंगा जीवन भर,
जब तक सीने में सांस चले।
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम…
✍️ सुनील सुमन