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19 May 2024 · 1 min read

हम किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले

हम किसी भी फैसले तक नही पहुँचे ।
क्योंकि तुम भी तब्सिरे तक नही पहुचे ।

हम किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले ।
हम अभी उस हौसले तक नही पहुँचे ।

जाने कितने दुख देखे हमने फिर भी देख ।
हम कभी तेरे पते तक नही पहुँचे ।

छोड़ कर वो नक्श अपने चला आया ।
लोग फिर भी रास्ते तक नही पहुँचे ।

फिर तड़प के मर गयी खामुशी ‘मित्रा’ ।
हम मगर उस हादसे तक नही पहुँचे ।

Language: Hindi
79 Views
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