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7 May 2024 · 1 min read

हम किसी सरकार में नहीं हैं।

हम किसी सरकार में नहीं हैं।
चापलूसों की दरबार में नहीं हैं।
हमें खरीदोंगे तुम कैसे साहब।
हम किसी भी बाजार में नहीं हैं।

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