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15 Aug 2023 · 1 min read

हम कितने चैतन्य

पुरखों के त्याग औ बलिदान
को हमें सदैव रखना है याद
उनके अनथक संघर्ष से हुआ
अपना प्यारा वतन आजाद
स्वतंत्रता दिवस पर अपने
आप से ही पूछिए एक प्रश्न
पुरखों के सपनों को साकार
करने में हम कितने चैतन्य
जाति, मजहब, दल निष्ठा के
कारण पुरखों में क्यों है भेद
क्या सौतेले व्यवहारों से होता
नहीं सामाजिक एका में छेद
राजनीति की कुटिलताओं की
हम सबको करनी होगी पहचान
एक समान भाव से सभी पुरखों
को देना होगा हमें सही सम्मान
ऐसा नहीं किया तो हमें समय
का चक्र नहीं करेगा कभी माफ
विघटनकारी शक्तियों के खेल के
लिए हर तरफ रास्ता होगा साफ
हे ईश्वर मेरे देश के नेताओं को
दीजिए दायित्व का बोध भरपूर
देश की एकता और अखंडता के
लिए वो वैयक्तिक लोभ से रहें दूर

Language: Hindi
312 Views

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