हम उनके होंठों पर बिखरी मुस्कान देखते रहे
वो हम पर मज़ाक के वार करते रहे, हम ख़ामोशी से सब सहते रहे,
वो अपनी जीत समझते रहे, हम उनके होठों पर बिखरी मुस्कान देखते रहे।
————–शैंकी भाटिया
अगस्त 24, 2016
वो हम पर मज़ाक के वार करते रहे, हम ख़ामोशी से सब सहते रहे,
वो अपनी जीत समझते रहे, हम उनके होठों पर बिखरी मुस्कान देखते रहे।
————–शैंकी भाटिया
अगस्त 24, 2016