हमेशा मुस्कुराऊंगी
मां! तुम अभी तो थी। अभी तो हम दोनों इतनी आत्मीयता से एक दूसरे से कितनी ढेर सारी प्यार और रस भरी बातें कर रहे थे। यह एकाएक तुम मुझे छोड़कर कहां चली गई।
अभी कुछ समय पहले तो पिताजी का साथ छूटा था और अब तुम्हारा।
हमेशा के लिए जा रही हो तो पलटकर मेरी तरफ देखकर मुझे क्या समझाना चाह रही हो। यही न कि मुझे तुम्हें याद करके कभी रोना नहीं है। ठीक है मां जैसा तुम चाहती हो वैसा ही होगा। मैं तुम्हें और पिताजी की यादों को हमेशा ही अपने हृदय में संजोकर रखूंगी। जब तक मैं जीवित हूं तुम्हें हर पल याद करूंगी और जिंदा रखूंगी। कभी नहीं रोऊंगी। तुम्हें याद कर करके हमेशा ही मुस्कुराऊंगी।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001