Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2021 · 1 min read

हमें भी पढ़ लिया कीजिए ___मुक्तक

हमें भी पढ़ लिया कीजिए,अपने सुझाव साझा कीजिए
दिखे आपको जहां कमियां बेबाक बता दिया कीजिए।
गुंजाइश होगी सुधार करेंगे,विचारो का सम्मान करेंगे,
रहते है इसी प्रतीक्षा में,जरा ध्यान तो दिया कीजिए।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
6 Likes · 6 Comments · 260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🌹खूबसूरती महज....
🌹खूबसूरती महज....
Dr .Shweta sood 'Madhu'
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
कार्तिक नितिन शर्मा
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
Neelam Sharma
शिवाजी
शिवाजी
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*भीड़ में चलते रहे हम, भीड़ की रफ्तार से (हिंदी गजल)*
*भीड़ में चलते रहे हम, भीड़ की रफ्तार से (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
गुलाब
गुलाब
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जब जब जिंदगी में  अंधेरे आते हैं,
जब जब जिंदगी में अंधेरे आते हैं,
Dr.S.P. Gautam
जय शिव-शंकर
जय शिव-शंकर
Anil Mishra Prahari
"जून की शीतलता"
Dr Meenu Poonia
✍️ मसला क्यूँ है ?✍️
✍️ मसला क्यूँ है ?✍️
'अशांत' शेखर
पेड़ - बाल कविता
पेड़ - बाल कविता
Kanchan Khanna
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
Mohan Pandey
इस घर से .....
इस घर से .....
sushil sarna
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
Kumar lalit
तलाक
तलाक
Shashi Mahajan
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
Harminder Kaur
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
"मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
मौत का रंग लाल है,
मौत का रंग लाल है,
पूर्वार्थ
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
Manisha Manjari
पापा गये कहाँ तुम ?
पापा गये कहाँ तुम ?
Surya Barman
23/86.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/86.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब से मेरे सपने हुए पराए, दर्द शब्दों में ढलने लगे,
जब से मेरे सपने हुए पराए, दर्द शब्दों में ढलने लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हक हैं हमें भी कहने दो
हक हैं हमें भी कहने दो
SHAMA PARVEEN
गुरुकुल स्थापित हों अगर,
गुरुकुल स्थापित हों अगर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सुंदर नयन सुन बिन अंजन,
सुंदर नयन सुन बिन अंजन,
Satish Srijan
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
Loading...