हमें देश ऐसा चाहिए
शांति सुरक्षा का भाव, जन गण का सम्मान
प्रेम का विश्वास रहे ऐसा देश चाहिए ।
जाति धर्म संप्रदाय,मिटे भेद-भाव जहाँ
कोई न उदास रहे, ऐसा देश चाहिए ।
हरे-भरे खेत दिखें, आँखों में उल्लास दिखे
साँसों में सुवास रहे, ऐसा देश चाहिए ।
रोटी कपड़ा मकान ,सबको मिले समान
धर्म का उजास रहे, ऐसा देश चाहिए ।
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
वाराणसी ,स्वरचित
18/6/2022