हमें दुख देकर खुश हुए थे आप
हमें दुख देकर खुश हुए थे आप
सारे दरवाजे बंद दिए
और ठहाके लगाकर हँसे थे आप
पर आज आपको इस हाल में देख
आपके लिए दुख जताने को जी चाहता है
खून न रिश्ता न मानते
पड़ोसी ही मान लेते हमें आप
तो आज यूँ अकेले न होते आप
क्या मिला आपको ये सब वो सब करके
आपके पास वक्त था सारे दरारों को भर लेते आप
रख लिया आपने हमारे हिस्से की दौलत
छीन ली आपने हमसे जमीनें पर
इंसान की आखिरी मंजिल श्मशान है
क्या इस बात को भूल गए थे आप