हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के अंदर जा सकते हैं। यह एक द्वार है अंदर जाने का, आंतरिक बदलाव व आनंद का।
रविकेश झा
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के अंदर जा सकते हैं। यह एक द्वार है अंदर जाने का, आंतरिक बदलाव व आनंद का।
रविकेश झा