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30 Sep 2024 · 1 min read

हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के

हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के अंदर जा सकते हैं। यह एक द्वार है अंदर जाने का, आंतरिक बदलाव व आनंद का।
रविकेश झा

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