हमारे विचार ( जलहरण घनाक्षरी)- गुरू सक्सेना
जलहरण घनाक्षरी
16/16 पर यति 8-8
पर उत्तम।अंत में 2 लघु
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हमारे विचार
जयचंदो को बचाने, तन मन धन देके,
पूरी तस्वीर को बिगाड़ सकते हैं हम ।
रहे हैं गुलाम तो आदत गुलामी की बनी,
आजादी की चादर को फाड़ सकते हैं हम।
अपने जो मूलभूत बुनियादी हैं सिद्धांत
उनको तो कहीं भी लताड़ सकते हैं हम।
कहीं से भी हमें थोड़ा खाने पीने मिल जाये;
अपने ही भाई को पछाड़ सकते हैं हम ।