‘हमारे त्योहार’
‘हमारे त्योहार’
मानव जीवन में त्योहारों की विशेष भूमिका होती है। अगर त्योहार को किसी भी संस्कृति की आत्मा कहा जाय तो गलत नहीं होगा।जिस प्रकार आत्मा के बिना शरीर की कल्पना नहीं की जा सकती, उसी प्रकार त्योहारों के बिना कोई भी समाज या संस्कृति मृत समान है।
दुनिया में अलग-अलग देशों की अलग-अलग सभ्यता है,अलग -अलग संस्कृति है । हर जाति , हर धर्म में कोई न कोई त्योहार अवश्य मनाया जाता है और उसके पीछे कोई न कोई कथा भी जुडी़ होती है।
वास्तव में त्योहार एक विशेष अवसर होता है,जब सभी लोग एक साथ मिलकर उत्साह के साथ मनोरंजन का आयोजन करते हैं और उसे विशेष ढंग से मनाते हैं।त्योहार बच्चे ,बूढ़े, युवा ,स्त्री एवं पुरुष प्रत्येक वर्ग के लिए महत्वपूर्ण होते हैं ।
हमारा भारत तो त्योहारों का देश कहा जाता है। यहाँ वर्षभर में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं । कुछ त्योहार राष्ट्रीय होते हैं तो कुछ सामाजिक।
त्योहार मनाने के पीछे कुछ न कुछ अच्छाई होती है । इस अवसर की सभी प्रतीक्षा में रहते हैं।त्योहार से आपसी मेल-मिलाप बना रहता है। त्योहार मानव जीवन में खुशियाँ बढ़ाते हैं ।जीवन की नीरसता को दूर करते हैं। नया जोश उतपन्न करते हैं।
त्योहारों को शालीनता और हंसी-खुशी से मनाना चाहिए।***यह ध्यान रखना आवश्यक है कि त्योहार के नाम पर किसी को दुख नहीं पहुंचे ।वरना ऐसा त्योहार किस काम का जो इंसान को प्रसन्नता के स्थान पर दुख का अनुभव कराता हो।
त्योहार मनाएं मिल-जुलकर,
नाचें गाएँ जी भर कर।
दुखियों के सब आँसू पोंछें,
खुशियाँ बाँटें हंस-हंसकर।
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