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16 Oct 2021 · 1 min read

हमारे टैक्स पर

हमारे टैक्स पर पलने वाले, हमारी सरकार हो गए
हम उनके नौकर, वो हमारे खैरख्वाह हो गए

वोट देकर बिठाया जिन्हैं हमने, अपनी आखों पर
हमारे ही ग़मों का, वे विस्तार हो गए

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 163 Views
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Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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