हमारे टैक्स पर
हमारे टैक्स पर पलने वाले, हमारी सरकार हो गए
हम उनके नौकर, वो हमारे खैरख्वाह हो गए
वोट देकर बिठाया जिन्हैं हमने, अपनी आखों पर
हमारे ही ग़मों का, वे विस्तार हो गए
हमारे टैक्स पर पलने वाले, हमारी सरकार हो गए
हम उनके नौकर, वो हमारे खैरख्वाह हो गए
वोट देकर बिठाया जिन्हैं हमने, अपनी आखों पर
हमारे ही ग़मों का, वे विस्तार हो गए