हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों कर रखेगा? हम जैसों के ललाट किसी के अधर स्पर्श के लिए नही बने हैं।
हम बोझ हैं। मात्र बोझ हैं।
हम जैसों के लिए कोई आँखें प्रतीक्षारत नही होती हैं।
हम जैसों के लिए कोई बार बार घड़ी नही देखता!
(रमिया बेहड़)