हमारी धरती
हरी-भरी हमारी यह धरती
कितनी सुंदर है दिखती
पेड़- पौधे यह जंगल सारे
तालाब नदियाँ यह झरने
सब हमारा मन है मोहती ।
पेड़ हमें देता है फूल
जिसकी खूशबू मन को भांति
पेड़ हमें देता है फल
जिसे स्वाद हम ले लेकर है खाते
पेड़ हमे लकड़ी देता
जिसको हम काम में लाते।
नदियाँ देता निर्मल पानी
जो पीने के है काम में आते
झरने के पानी का भी हम
खूब मजे से लुफ्त उठाते
नदियाँ और तालाब के पानी
खेती के भी काम में आते।
धरती ने दिये है हमें
कई सारे अनमोल रत्न
जिसका वह एक पैसा
हमसे नही लेती
आओ बचाएँ हम धरती के
इस धरोहर को
यह बात हमें माँ समझाती।
~अनामिका