आपदकाल में सबका सहयोग
विपदा की इस घड़ी में यह समाचार अत्यंत सुखद अनुभूति दे गया कि भारत के कुछ महत्वपूर्ण धर्म-संस्थानों ने अपने उन आस्थावान भक्तों की आस्था को जीवित रखने का सराहनीय और पुनीत कार्य किया है । यह वास्तव में सुखद और आशा
को शक्ति प्रदान करने वाला प्रयास है । अभी दो दिवस पूर्व ही मेरा एक लेख ‘ संकटकाल में धर्म -संस्थान साथ निभाएं ‘ प्रकाशित हुआ था । सुधि-जनों द्वारा लेख को पर्याप्त सराहना भी प्राप्त हुई ।इन सबसे बढ़कर यह अनुभूति सुखद और संतोष प्रदान करने वाली थी कि लाखों लोगों की आस्था के प्रतीक धर्म संस्थानों ने अपने पवित्र कर्तव्य और राष्ट्र-धर्म का पालन कर अन्य संपन्न संस्थानों और संपन्न -जनों को इस आपदा की घड़ी में प्रेरित करने का सराहनीय कार्य किया है ।
विपत्ति के इस समय में भारत के समस्त लोग विभिन्न प्रकार के विरोधों को भूलकर सहयोग कर रहे हैं यह स्वागतेय है । आज धनिकों के लिए धन का सदुपयोग कर मानवता की सेवा करने का सही समय है । आज हमारे समक्ष एक अप्रत्याशित और विषम स्थिति निर्मित हुई है । इस आपदा को सबके समन्वित प्रयास , धैर्य ,संयम और आर्थिक सहयोग से नियंत्रित किया जा सकता है । भारत ने इतिहास में भी कई विपत्तियों का दृढ़ता पूर्वक सामना किया है । हम इस संकट का भी सभी जनों के सहयोग और समझदारी से सामना करने में समर्थ हो सकते हैं । बस हमें सरकार , और सम्माननीय उदार दानदाताओं के प्रयासों को विफल नहीं होने देना है ।बस इसका एक ही मंत्र है । स्वयं सुरक्षित रहें । स्वयं की सुरक्षा में ही समाज और राष्ट्र की सुरक्षा निहित है ।
अशोक सोनी
भिलाई