हमारा पसंद ही तुम्हारा पसंद होता था
हमारा पसंद ही तुम्हारा पसंद होता था
हम-दोनों एक थे तो कहां द्वंद होता था
यूं जो आजकल नहीं खुल रही है, खिड़कियां
एक समय था कि ये कहां कभी बंद होता था
-केशव