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10 Nov 2024 · 1 min read

हमारा पसंद ही तुम्हारा पसंद होता था

हमारा पसंद ही तुम्हारा पसंद होता था
हम-दोनों एक थे तो कहां द्वंद होता था
यूं जो आजकल नहीं खुल रही है, खिड़कियां
एक समय था कि ये कहां कभी बंद होता था

-केशव

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