Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2020 · 1 min read

“हमरे घरवा के दीपक बुझा गइल हो”

तोहरे मथवा के बिंदिया छुड़ा गईल हो।
हमरे घरवा के दीपक बुझा गइल हो-२

चार दिन भइल उनके गवना के अइले।
छूटल नाही मेहदी उनके हथवा के पहिले।
सन्देशवा सीमा से अब तो आ गइल हो।
हमरे घरवा के दीपक बुझा गइल हो-२

जात रहने जब उ सीमा के लड़ाई पे।
कहे लौट आइब कर्ज माटी के चुकाई के।
अपने गउवा के नमवा करा गइल हो।
हमरे घरवा के दीपक बुझा गइल हो-२

हर बार महीना के भेजत रहने पैसा।
बाबू के दवाई आवे नेवता के दैजा।
अब तो घरवा के मटिया बिकाय गइल हो।
हमरे घरवा के दीपक बुझा गइल हो-२

शुरू में नेता लोग कहने हई साथ हो।
माई तू बतहिया हमे रहब हरदम पास हो।
उ लोग गउवा के रहिया भुला गइल हो।
हमरे घरवा के दीपक बुझा गइल हो-२

(@लेखक द्वारा सर्वाधिकार सुरक्षित)
लेखक-डॉ मनीष कुमार सिंह
असि0 प्रोफेसर(बी0एड0)
स0ब0पी0जी0 कॉलेज
बदलापुर जौनपुर

Language: Hindi
Tag: गीत
8 Likes · 3 Comments · 307 Views

You may also like these posts

बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
4584.*पूर्णिका*
4584.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संवेदना
संवेदना
Khajan Singh Nain
वो जो कहें
वो जो कहें
shabina. Naaz
गौरी सुत नंदन
गौरी सुत नंदन
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
अपना सब संसार
अपना सब संसार
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आपकी ज़िंदगी यदि लोगों की बातें सुनकर, बुरा मानते हुए गुज़र
आपकी ज़िंदगी यदि लोगों की बातें सुनकर, बुरा मानते हुए गुज़र
Sonam Puneet Dubey
शारदीय नवरात्र
शारदीय नवरात्र
Neeraj Agarwal
जिंदगी
जिंदगी
Sonu sugandh
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
DrLakshman Jha Parimal
मुझे शांति चाहिए ..
मुझे शांति चाहिए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
ज़िंदगी भर की हिफ़ाज़त की क़सम खाते हुए
ज़िंदगी भर की हिफ़ाज़त की क़सम खाते हुए
पूर्वार्थ
मां से ही तो सीखा है।
मां से ही तो सीखा है।
SATPAL CHAUHAN
कभी जब नैन  मतवारे  किसी से चार होते हैं
कभी जब नैन मतवारे किसी से चार होते हैं
Dr Archana Gupta
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
कवि रमेशराज
આજે તે અહેસાસ કરાવી જ દીધો
આજે તે અહેસાસ કરાવી જ દીધો
Iamalpu9492
तब और अब
तब और अब
manorath maharaj
कुछ तुम रो लेना कुछ हम रो लेंगे।
कुछ तुम रो लेना कुछ हम रो लेंगे।
Rj Anand Prajapati
दुनिया में सबसे अच्छा यह अपना हिंदुस्तान है (गीत)
दुनिया में सबसे अच्छा यह अपना हिंदुस्तान है (गीत)
Ravi Prakash
शौक या मजबूरी
शौक या मजबूरी
संजय कुमार संजू
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
Phool gufran
"न्याय-अन्याय"
Dr. Kishan tandon kranti
अकेलापन
अकेलापन
भरत कुमार सोलंकी
आगे बढ़ने का
आगे बढ़ने का
Dr fauzia Naseem shad
*श्रम साधक *
*श्रम साधक *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लेखनी चलती रही
लेखनी चलती रही
Rashmi Sanjay
हर सुबह जन्म लेकर,रात को खत्म हो जाती हूं
हर सुबह जन्म लेकर,रात को खत्म हो जाती हूं
Pramila sultan
Loading...