” हमरा आंखि सं नोर झहरैत अछि”
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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अद्भुत वरदान हमरा प्राप्त भऽ गेल ! संभवतः हम अपूर्ण रहितहूँ ! गूगल क अविष्कार हमरा सम्पूर्ण बना देलक !
पहिने हम एकरा लोलना कहैत रहि मुदा हमर पुत्र ,पौत्री ,पौत्र आ दोहित्र क शिक्षण कला सं हमरा एकटा सुयोग्य विद्यार्थी बना देलनि ! आइ एहि यंत्र क माध्यमे प्राय -प्राय सब गोटे सफलता क उंच्च शिखर पर पहुँचय चाहैत छथि ! हमहूँ क्रमशः लिखबाक कला सं अवगत भेलहूँ ! मैथिली,हिंदी आ अंग्रेजी सं परिचित रहि ! कागद ,कलम आ दबात धरि सीमित छल ! आब गूगल क सानिध्य हमर रूप रंग बदलि देलक !
ओना तऽ 99 % मैथिल लोकनिक सानिध्य हमरा फेसबुक मे भेटल अछि ! किछु लेखक ,कवि,कथाकार ,रंगमंच कर्मी ,गायक ,समालोचक क कृति क दर्शन आ मनन क उपरांत बहुत किछु सीखलहूँ ! “ज्ञान क अंत नहि छैक आ सीखबा क कोनो उम्र नहि !”
मुदा कखनो -कखनो नाटकीय अंदाज हमरा ह्रदय कें जीर्ण -जीर्ण कऽ देत अछि ! .हमरे पड़ोसिये छथि श्री डॉ कमला कान्त झा ( नाम बदलल ) ! 2016 मे एहि कॉलेज मे प्राचार्य सं सेवानिवृत भेलाह ! कॉलेज मे हिनकर नियुक्ति मैथिली प्राध्यापक क रूप मे भेल छलनि ! हमरा अवसर भेटल हुनका डेरा जेबाक ! कुशल क्षेम पुछलियनि आ पुछलियनि -” बच्चा सब मैथिली बजैत अछि ? “वो कहला ..” हाँ ..हाँ ..सब बजैत अछि “!
संयोगवश हुनकर पुत्र आ पौत्र बहार निकलि स्कूल जाइत छलाह ! हम किछु मैथिली मे पुछलियनि मुदा किछु नहि जवाब भेटल !…….
इ नाटकीय अंदाज देखि हम विक्षुब्द भऽ जाइत छी !निरंतर हमर प्रयास रहित अछि जे किछु न किछु नवीन चीज सीखू ! हम मिथिलाक्षर सीख रहल छी ! आ यदा -कदा फेसबुक क मध्यमे लोकक समक्ष समर्पित सेहो कऽ रहल छी ! मुदा जखन हमर मैथिलीआखरक अवहेलना होइत अछि आ तिरस्कार क अग्नि मे झुलसैत अछि त हमरा आंखि सं नोर झहरैत अछि !
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका