हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
चांदनी रात में भी धूप को खिलते देखा है
तुम बात करते हो मौसम बदलने की
हमने लोगों को सूरत बदलते देखा है
✍️कवि दीपक सरल
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
चांदनी रात में भी धूप को खिलते देखा है
तुम बात करते हो मौसम बदलने की
हमने लोगों को सूरत बदलते देखा है
✍️कवि दीपक सरल