हमने चाहा जिनको
हमने चाहा जिनको , वो इश्क का कद्रदान न मिला
इन्तजार किया ताउम्र जिनका, वो इश्क का तलबगार न मिला
हमने उन्हें अपना कहा, उन्होंने मुझे अपना
दो दिल मिले , जिन्दगी गुलज़ार हो गयी
हमने चाहा जिनको , वो इश्क का कद्रदान न मिला
इन्तजार किया ताउम्र जिनका, वो इश्क का तलबगार न मिला
हमने उन्हें अपना कहा, उन्होंने मुझे अपना
दो दिल मिले , जिन्दगी गुलज़ार हो गयी