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1 Nov 2024 · 1 min read

हमने ख्वाबों

हमने ख्वाबों
और ख्वाहिशों को
टूटते देखा है,
दिल के मचलते अरमानों को
बिखरते देखा है,
मोहब्बत कभी
रोशन किया करती थी जिन्दगी,
हमने तो
अब चिराग़ को
बेसबब बुझते देखा है.

हिमांशु Kulshrestha

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