‘हमने कहा कि’
‘हमने कहा कि’
हमने कहा कि तेरा जाएगा क्या,
इक पल को तू मुस्करा तो सही।
वीरान सी इस जिंदगी में कभी,
कोई फूल बगिया में खिला तो सही।
कि मीलों लंबे हैं रास्ते जिन्दगी के,
झलक अपनी इक दिखा तो सही।
बेख़्वाब सी लगती हैं ये आँखें तेरी,
कोई ख्वाब नया इनमें जगा तो सही।
मेघ घिर आए दिन के उजालों में यहाँ,
तू बिजुरी उमंग की चमका तो सही।
कि मन का मयूर तो झूमेगा तभी,
इक बूँद नेह की तू बरसा तो सही।
पता मेरा भी मिल ही जाएगा तुझे,
दो पाँव अपने आगे बढ़ा तो सही।
कि बता ही देंगे दर्द तुझे भीअपना,
तू हमसे मिलने को आ तो सही !
कहानी वफ़ा की कोई बनेगी तभी,
कि कलम अपनी तू उठा तो सही।